
सूखे कुंए में संभावित दुर्घटना से बचाव हेतु एडवाइजरी जारी
खंडवा 29 अप्रैल, 2025 – म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया कि सूखे कुंए में उतरने से कई तरह की दुर्घटनाएं हो सकती हैं, जिसके अंतर्गत हाइड्रोजन सल्फाइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड जैसी खतरनाक गैसों की उपस्थिति बेहोशी, घुटन और मृत्यु का कारण बन सकती है। सीमित स्थान में ऑक्सीजन का स्तर कम होने से सांस लेने में तकलीफ और बेहोशी हो सकती है। इसके अलावा पानी अचानक भर जाने से बचाव के लिए उठाए जाने वाले कदम अंतर्गत कुंए में उतरने के पहले लालटेन रस्सी से नीचे डालें, यदि लालटेन बुझ जाती है तो वहाँ पर ऑक्सीजन की कमी है और वहां जहरीली गैस हैं, अतः कुएँ के अंदर ना उतरें।
म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति सूखे कुएं में दुर्घटना का शिकार हो जाता है, तो बचाव की स्थिति में कई कदम उठाए जा सकते हैं, जैसे कि अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें, बिना उचित प्रशिक्षण और सुरक्षा उपकरणों के कुंए में उतरने का प्रयास न करें। इससे आप भी खतरे में पड़ सकते हैं। तुरंत आपातकालीन सेवाओं जैसे पुलिस, अग्निशमन दल, बचाव दल को सूचित करें। उन्हें दुर्घटना का स्थान और स्थिति की जानकारी दें। कुएं के आसपास के क्षेत्र को खाली कराएं, ताकि अन्य लोग खतरे में न पड़ें। इसके अलावा स्थिति का आकलन करें, यदि संभव हो, तो दूर से या सुरक्षित दूरी से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की स्थिति का आकलन करें जैसे चेतना, सांस लेना, चोटें आदि। आपातकालीन सेवाओं के पहुँचने पर, उनके साथ मिलकर एक सुरक्षित और प्रभावी बचाव योजना तैयार करें।
म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार बचाव कार्य के अंतर्गत बचाव कार्य केवल प्रशिक्षित और उचित उपकरणों से लैस बचाव दल द्वारा ही किया जाना चाहिए। बचाव दल को उचित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई), श्वास सुरक्षा उपकरण, हार्नेस, रस्सियां और अन्य आवश्यक उपकरणों का उपयोग करना चाहिए। यदि संभव हो, तो कुंए के अंदर के वायुमंडल की निगरानी करें, ताकि खतरनाक गैसों या ऑक्सीजन की कमी का पता चल सके। दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सुरक्षित रूप से कुंए से बाहर निकालने के लिए उचित तकनीकों का उपयोग करें। इसमें रस्सियों, स्ट्रेचर या अन्य बचाव उपकरणों का उपयोग शामिल हो सकता है। साथ ही प्राथमिक चिकित्सा और चिकित्सा सहायता कि अंतर्गत कुएं से निकालने के बाद दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को तुरंत प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करें। यदि आवश्यक हो, तो उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए अस्पताल ले जाएं।
बचाव के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए, जैसे बचाव कार्य में समय लग सकता है। अतः धैर्य बनाए रखें और बचाव दल पर भरोसा रखें। बचाव दल के निर्देशों का पालन करें, बचाव दल के सदस्यों के निर्देशों का सख्ती से पालन करें। अपनी जान जोखिम में डालकर बचाव करने का प्रयास न करें। संक्षेप में, सूखे कुंए में दुर्घटना होने पर सबसे महत्वपूर्ण कदम तत्काल आपातकालीन सेवाओं को बुलाना और प्रशिक्षित बचाव दल की प्रतीक्षा करना है। अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देना और बचाव दल के निर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण है, ताकि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सुरक्षित रूप से बचाया जा सके।